भारतीय राष्ट्रपति के लिए नेपाली किसानका बेटा योगेन्द्र गौतमका खुल्ल पत्र - Himal Post Himal Post
  • ३० आश्विन २०८१, बुधबार
  •      Wed Oct 16 2024
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भारतीय राष्ट्रपति के लिए नेपाली किसानका बेटा योगेन्द्र गौतमका खुल्ल पत्र



सम्माननिय राष्ट्रपति जी भारत सरकार

जय नेपाल,

जय हिन्द

मोहदय , मै आज यिस समाजिक संजालसे नेपाल ओर भारतकी कैयो बिबादास्पद मुद्धोके लिए आपके समक्ष आपनि बिचार रख्ने जाराहाहु । सम्माननिय राष्ट्रपति जी नेपाल भारत सम्बन्ध सदियो से आपसी भाइचारा मित्रता सद्भाव ओर शान्ती पृय देशके रुपमे सारा संसार जानता है । नेपाल भारत कि जनताओ मे समाजिक , राजनीतिक , सास्कृतिक , आर्थिक , रितिरिवाज परम्परा ओर सस्कार एक जैसी है । नेपाल भारतके आम नागरिक दोनो देशोमे सकुशलताके साथ रहेते है ।

आज भारतके सेना गोर्खा रेजिमेन्टमे लगभग ६० हजार नेपाली युवा आबद्ध है ओर भारतकी सुरक्षामे आपनी जानकी बाजि लगादेते है । जब भारत किसिसे युद्ध करता है तब आँप गोर्खा सैनिकको आगे भेज्ते है जब गोर्खा फौज दुस्मनका बिनास करके लौट्ता तब आपका सिना फकरसे उचा होता है ओर संसारमे सक्तिशाली कहेलाते है । आपको भुलना नहिचाहिए संसारमे गोर्खा सैनिकके कारण आपका सीर उचा हुवा है उन सैनिक नेपाली नागरिक है । नेपाल एक सार्बभौमसत्ता राष्ट्र है । नेपाल आज तक किसिके अधीनमे नहि राहा । नेपालकि सान बिश्वब्यापी इमान बनगया है । सन १९५० सन्धिके कारण आज भारत ओर नेपालके बिचमे कैयौं मतभिन्नता है । दक्षिण यसियामे दोनो देश कि रणनीति ओर कार्यनीतिमे मतभिन्नता है । आज बिश्व जनमन्चमे नेपालको सम्मानित रुपमे देखाजाता है ओहि भारतकि नीतिको बिरोधाभास कियाजाता है । क्या भारतकी नीतिमे छिमेकी देशोके लिए सम्मान नहि है ए एक गम्भीर बिषय बनचुका है । सन 1950 कि सन्धि जो नेपाल भारतके बिच हुवा है नेपालके हित से ज्यादा भारतके हितमे है ।

बर्तमानमे यिस सन्धिकी समीक्षा होना अत्यन्त जरुरी है । नेपालमे लोकतन्त्र कि बाहाली हुइ ओर जनताके निर्बाचित प्रतिनिधिके माध्यमसे लोकतान्त्रिक गणतन्त्रात्मक संविधानका निर्माण हुवा ओर घोषणा हुवा । नेपाली जनतामे खुसका माहोल था , हर नेपालीके घरमे दीप प्रजवलन हुयी । अन्तरास्ट्रिय स्तरमे नेपालके संविधानको स्वागत कियागया मगर नेपालके छिमेकी देश भारतने नेपालके लोकतान्त्रिक संविधानका स्वागत नहि किया । पुर्ववर्त भारतके बिहार राज्यसे तराइमे आकर बैठे मदेसियोके केही नेताको अपने जालमे फसाकर नेपालके संविधानको असफल बनानेके लिए अघोषित नाका बन्दी लगादिया गया क्या ए उचित था । गौतम बुद्धका जन्म नेपालमे हुवा आपके प्रधानमन्त्री कहतेहै बुद्ध भारत मे जन्मे , इतना बडा देशके प्रधानमन्त्रीको झुठ बोल्ना शोभा नहि देता मगर मोदिजी झुठ बोलरहे है । भारतके प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदि जी नेपाल कि यात्रा पर थे उस समय उनोहोने नेपाली सदनमे काहाथा भगवान बुद्धका देश नेपाल , भगवान पसुपतिनाथके देश नेपाल , माता सिताकी देश नेपाल , देबबासस्थान तपोभुमी नेपाल , सगरमाथाकि आन नेपालकि सान , हिमालकी पानी नेपालकि जवानी ओर जडिबुटीको खनी भरा देश नेपाल उनकी बाक्यान्स कितनी जल्दी बदलगयी नेपाली जनताने बिश्वास करनेका कोइ माध्यम नहि राहा ।

मै याद दिलाना चाहाता हु आँप भारतके राष्ट्रपति बन्नेसे पहेले भारतीय कांग्रेसमे थे उसवक्त भारतिय कांग्रेसका आम निर्वाचनमे सदनमे भहुमत आया तब आँप लगाएत सबि भारतिय कांग्रेसके नेताओने श्रीमती सोनिया गान्धिको प्रधानमन्त्री बनानेके लिए तत्कालीन राष्ट्रपति अब्दुल कलामके पास बहुमतका सन्देशले कर पहुचेथे उस वक्त भारतके श्रीमती गान्धी प्रधानमन्त्री बन्ना तय था । तब भारतिय जनता पार्टीके नेताओ बर्तमान प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदि जी बिदेशमन्त्री शुस्मा स्वराज जी गृहमन्त्री राजनाथ सिङ जी ने ए काहाथा कोइ भि अंगीकृत नागरिक भारतके प्रधानमन्त्री नहि बनसक्ता । फिर भारत नेपालको अंगीकृत नागरिक्ता स्वीकार करो क्यु कहेता है ए एक महत्वपूर्ण प्रश्न आपके साम्ने आताहै जिस प्रश्नका उत्तर आपको देना है । आजकि भारतके नेतृत्वके पास सकारात्मक सोचकी कमि है पढोशी देश हि नहि बल्की भारतिय जनता भी महसुस कर्ती है ।

जनतासे बढकर नेता नहि होता । जनता देशके मालिक है ओर नेता जनताके सेवक लेकिन आज ठिक उल्टा है । अब आपके बिचमे बहुत बढी चुनौती है दोनो देश के बिच तिक्तताको खतम करनेका । क्या भारत नेपाल कि लोकतान्त्रिक संविधानको सम्मन करेगा । बि बि सी नेपाली सेवाने नेपालके राष्ट्रपति सङ्के आपकी मुलाकात इ समय नेपाली संविधानको स्वागत किया समाचार ए सुन्नेको मिला है मगर नेपाली जनताको बिश्वास नहि हे । अगर भारत सरकार नेपालके संविधानको स्वागत किया है , आँप बैधानिक रुपमे प्रेस बिगप्ती जारी करके सारा दुनियाको देखादिजिए कि हामने नेपाल के संविधानको स्वागत किया है सम्मननिय भारतके राष्ट्रपति जी यिस वक्त आँप हमारे देश नेपाल के भ्रमणमे है । नेपाली जनता आपकी सुरत तक नहि देखसक्ती ।

आपकी भ्रमणने नेपाली जनताके उपर फिर एकबार अघोषित नाकाबन्दी लगादिया ,। सदक बन्द राहा पूरा नेपाल सरकार कि कार्यलय बन्द राहा जरा सोचिय आपकी भ्रमणको नेपाली जनता सफल सोचे या असफल । समाप्त